(महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड )
नंदा गौरा आवेदन पत्र ऑनलाइन भरने से पूर्व निम्न निर्देशों का भली-भाँति अध्ययन कर लें :-
1- आवेदन फार्म में सभी जानकारी पूर्ण रूप से सही भरें, अधूरी एवं गलत जानकारी भरने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
2- यह योजना केवल उत्तराखण्ड राज्य के मूल/स्थायी बालिकाओं हेतु ही मान्य है ।
3- एक परिवार की किन्हीं भी दो से अधिक बालिकाओं(जीवित बालिकाओं) को नंदा गौरा योजना से लाभान्वित नहीं किया जाएगा।
4- एक कन्या/बालिका के लिए एक चरण के लिए एक से अधिक बार योजना के लाभ हेतु आवेदन करने पर आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा।
5- इस योजना का लाभ केवल कन्या जन्म(प्रथम चरण ) पर एवं बालिका के इंटर (कक्षा-12) उत्तीर्ण (द्वितीय चरण) करने पर ही देय है।
6- प्रथम चरण हेतु कन्या-शिशु जन्म के 06 माह के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। 06 माह के उपरांत आवेदन करने पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। ।
7- द्वितीय चरण के लाभ हेतु प्रत्येक वित्तीय-वर्ष में आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवबंर निर्धारित की गयी हैं। इस तिथि के उपरांत आवेदन करने पर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
8- प्रत्येक चरण हेतु आवश्यक प्रमाण पत्र नंदा गौरा योजना हेतु ऑनलाइन आवेदन करने के समय अपलोड करने आवश्यक है।
9- प्रत्येक अपलोड किए जाने वाले प्रमाण पत्र का साइज 200 KB से अधिक का न हो व स्पष्ट रूप से पठनीय हो । प्रमाण पत्र अपठनीय होने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी आवेदनकर्ता की होगी।
10- प्रथम चरण हेतु माता (माता के न होने की दशा में पिता/अभिभावक) एवं द्वितीय चरण हेतु छात्रा/लाभार्थी का बैंक खाता विवरण सही से भरें। बैंक खाता विवरण भरते समय यह सुनिश्चित कर लें कि खाता आधार से लिंक हो साथ ही ध्यान दें कि खाता जन-धन का न हो।
11- नंदा गौरा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता यह सुनिश्चित कर ले कि उनके द्वारा उपलब्ध करवाया गया बैंक खाता सक्रिय है।
12- यह योजना बजट की प्रत्याशा में पहले आओ-पहले पाओ पर आधारित है।
13- यह योजना पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गयी है । किसी भी दशा में ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
14- यह योजना समय-समय पर जारी शासनादेशो के अनुरूप संचालित होगी।
15- आवेदक को यह सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन आवेदन करने से पूर्व अपनी सुविधा के अनुसार वेबसाइट के होमपेज पर उपलब्ध अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न अच्छी तरह से देख लें।
विभिन्न चरणों में योजनांतर्गत लाभ के लिए आवश्यक अभिलेख
कन्या के जन्म पर (प्रथम चरण हेतु) आवश्यक प्रमाण पत्र
(देय धनराशि - रू 11000/- मात्र)
(उक्त धनराशि वर्तमान में देय है जिसे निकट भविष्य में योजना के स्वरूप में परिवर्तन होने पर बदला जा सकता है।)
1- उत्तराखण्ड के अंतर्गत संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाण पत्र ।
2- संबंधित तहसीलदार द्वारा निर्गत अभिभावक का आय प्रमाण पत्र जो मासिक रूo 6000/- व वार्षिक रूo 72000/- से अधिक का न हो। आय प्रमाण पत्र आवेदन करने की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो।
3- संस्थागत प्रसव का प्रमाण पत्र जो राजकीय चिकित्सालय/निजी नर्सिंग होम अथवा प्रदेश के बाहर के चिकित्सालय द्वारा निर्गत हो । ( प्रशिक्षित दाई के द्वारा प्रसव को संस्थागत नहीं माना जाएगा)।
4- कन्या के जन्म का पंजीकरण प्रमाण पत्र।
5- माता/पिता/अभिभावक का आधार कार्ड।
6- माता/अभिभावक के बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रतिलिपि
बालिका के इंटर उत्तीर्ण करने पर (द्वितीय चरण हेतु )आवश्यक प्रमाण पत्र
(देय धनराशि -रू 51000/- मात्र)
(क) - ऐसी बालिकाएं जिसके माता/पिता/ अभिभावक जीवित हों-
(उक्त धनराशि वर्तमान में देय है जिसे निकट भविष्य में योजना के स्वरूप में परिवर्तन होने पर बदला जा सकता है।)
1- उत्तराखण्ड के अंतर्गत संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाण पत्र ।
2- संबंधित तहसीलदार द्वारा निर्गत अभिभावक का आय प्रमाण पत्र जो मासिक रूo 6000/- व वार्षिक रूo 72000/- से अधिक का न हो। आय प्रमाण पत्र आवेदन करने की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।
3- कक्षा 12 उत्तीर्ण का अंक पत्र
4- जन्म तिथि प्रमाण पत्र/जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र ।
5- बालिका/लाभार्थी का आधार कार्ड।
6- बालिका/लाभार्थी का स्वघोशित अविवाहित होने का सामान्य प्रमाण पत्र।
7- बालिका/लाभार्थी के बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रतिलिपि
उत्तर - हाँ, निर्धारित अधिकतम आय सीमा मासिक रु0 6000/ है इसके लिए प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा निर्गत होना चाहिए। ध्यान रहे आय प्रमाण आवेदन करने की तिथि से 06 माह से अधिक पुराना न हो।
उत्तर - शासनादेश संख्या 210/(1)/ /2018-02/2009 दिनांक 12 सितंबर 2019 में प्रविधान किया गया है कि एक परिवार की किन्ही दो बलिकाओं का जन्म पर (प्रथम चरण) एवं उतीर्ण करने पर (द्वितीय चरण) योजना का लाभ दिया जाएगा।